
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब भारत समेत 150+ देशों पर टैरिफ लगा दिए थे, तो सोचा था कि चीन डर जाएगा, भारत झुक जाएगा, और अमेरिका का ट्रेड डेफिसिट भाग जाएगा।
पर न्यायपालिका नाम की एक चीज़ होती है — जो चुनाव से नहीं, संविधान से चलती है। और अब मामला पहुंच चुका है अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में, जहां अगर फैसला टैरिफ के खिलाफ गया, तो ट्रंप सरकार को अरबों डॉलर रिफंड करने पड़ सकते हैं। सोचिए, अमेरिका का IRS खुद “Cash on Delivery” करने निकल पड़े!
Scott Besent बोले – ‘आधी दुनिया से टैक्स लिया, अब वापस देना पड़ सकता है’
अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा है:
“अगर सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप टैरिफ को अवैध ठहरा दिया, तो अमेरिका को 50% टैक्स वापस लेने पड़ सकते हैं।”
मतलब जिस “Make America Rich Again” मिशन पर ट्रंप निकले थे, वो “Refund America Again” में बदल सकता है।
IEEPA का उल्लंघन? ट्रंप ने जो किया, वो अधिकार नहीं था!
29 अगस्त को फेडरल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा:
“ट्रंप ने IEEPA (International Emergency Economic Powers Act) का उल्लंघन किया है। उनके पास टैरिफ लगाने का कानूनी आधार नहीं था।”
ये कुछ ऐसा है जैसे कोई बर्थडे पार्टी में बिन बुलाए केक काट दे, फिर कहे – “मूड था भाई!”
ट्रंप सरकार की दलील – “हमने ये देश हित में किया, न कि मनमानी में”
ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि:
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अमेरिका का व्यापार घाटा बहुत बढ़ रहा था
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भारत जैसे देशों को रूस से दूर करना ज़रूरी था
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और ये टैरिफ यूक्रेन में शांति लाने का जरिया था
अब भाई, ये तो वैसा ही हुआ कि “पानी की टंकी से पाइप जोड़कर बिजली बचा रहे हैं”। लॉजिक तो है, लेकिन तार उलटे जुड़े हैं।
अगर सुप्रीम कोर्ट बोले “NO” — तो क्या होगा?
अरबों डॉलर का टैक्स रिफंड: अमेरिका को 150 देशों को पैसा लौटाना पड़ेगा
ट्रंप की छवि को नुकसान: सौदेबाज़ी और “डील मेकर” की इमेज झटके में हिल जाएगी
ट्रेड रिलेशन पर असर: भारत समेत कई देशों के साथ डील फिर से रीसेट हो सकती है
डेमोक्रेट्स की मौज: चुनावी हथियार मुफ्त में मिल जाएगा
भारत पर असर – ‘टैरिफ हटे तो Exporters की दिवाली’
भारत के टेक्सटाइल, फार्मा और मेटल सेक्टर पर लगे टैरिफ अगर हटा दिए गए, तो न केवल निर्यात बढ़ेगा, बल्कि डिप्लोमैटिक तौर पर भारत को राहत मिलेगी।
लेकिन चिंता ये है – क्या अमेरिका वाकई पैसा वापस करेगा? या फिर बोलेगा – “Store credit लो!”
अभी क्या स्टेटस है?
ट्रंप सरकार ने 4 सितंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, सॉलिसिटर जनरल डी. जॉन सॉयर ने जल्द सुनवाई की मांग की
लेकिन SC ने अभी तक सुनवाई की तारीख नहीं तय की इसका मतलब अभी सिर्फ Suspense चल रहा है, Decision Pending है।
कोर्ट की गूंज से हिल सकती है टैरिफ की दीवार
ट्रंप की रणनीति पर सुप्रीम कोर्ट की तलवार लटक रही है। और ये मामला सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि जियोपॉलिटिक्स, इकोनॉमी और 2025 के चुनाव – सबका future डिसाइड करेगा।
तो अगली बार जब आप किसी विदेशी प्रोडक्ट पर “Made in India” देखें, याद रखिए — शायद वो ट्रंप के टैरिफ रिफंड की देन हो!